This is the blog for Hindi poem lovers. You can read Archanaz Hindi poems & also see her performing them on You-Tube. Please feel free to email her about any comments, suggestions or criticism.
Tuesday, August 3, 2010
कभी कभी रातों की नींद भी सो जाती है, जब कलम की दिल से यारी हो जाती है .... (c)अर्चना
एक दिन मैंने सोचा दुःख का कारण क्या है , और ह्रदय की पीड़ा का निवारण क्या है ?.... पाया मैंने सब की जड़ आसक्ति है..... और हाँ ..... जो आ-सकती है, वो जा भी सकती है.... तो क्यूँ मानवता का हम अपमान करें....... चलो, कभी तो खुद से हम पहचान करें.......(c)अर्चना