Sunday, August 31, 2008

मेरी सहेली

इसकी विडियो आप यहाँ देख सकते हैं-
http://www.youtube.com/watch?v=mY9hYl_0i8Y

ज़िन्दगी
भर उस से मेरी होड़ सी लगी रही,
वो पहेली, मेरी सहेली , निज रक्त सी सगी रही ,
बात करके आज उस से , मन लगा उड़ने वहां पर ,
घर द्वार , इस संसार से, हट के बसे दुनिया जहाँ पर ,

जल उठी मेरी मन की नारी , उस चंचला को देख कर ,
स्वयं को उस आकांक्षी से नापते लगता है डर ,
चले तो एक साथ थे , हम दोनों एक चाह में,
उच्च शिखरों के स्वप्न में , अभिलाषा के राह में ,

मेरी सखी, जिसने रखी, जो भी कहा सब कर गई ,
मैं तो जैसे , इतनी जल्दी, इस जीवन से डर गई ,
पच्चीस में ही पचास का एहसास जब होने लगे ,
उमंगें जब कर्तव्य के काँधें पे ही सोने लगे ,
जब स्वप्न से आकर भिडें धरातल की वो सच्चाइयाँ,
तोड़ दे तरंगों को जो संसार की परछाईयाँ,

तो विद्रोह कर उठ ता है मन की क्यों चडी उस डाल पर,
जहाँ पहुँच कर बस नहीं है , स्वयं अपना काल पर ,
जब नचाता है समय इंसान को निज ताल पर ,
देख हंस देता है मानव स्वयं अपने हाल पर ,

कहने लगी मेरी सखी क्या थी तू क्या हो गई ,
क्या तेरे सपनों की वो सारी कलियाँ खो गई ?
बादल, झरने, बरखा, पानी ,
तितली , छतरी , आसमानी ,
क्या तेरे जग जीतने की वो अभिलाषा खो गई ?
तू तो एक छोटे से घर की हो गई ,

उत्तर दिया मुड कर उसे मेरे विवेक ने गर्व से ,
हैं कम नहीं मेरे ये दिन त्यौहार या किसी पर्व से ,
जीता जगत तो क्या जीता , बन गए राजा तो क्या जानें ?
कर सको जीवन रचना , फूँक सको प्राण तो हम मानें !

पाया जो नारी का ये तन वात्सल्य प्रथम कर्तव्य है ,
आज ममता के ही दम से विश्व जनता सभ्य है ,
कर सकें हम गर किसी एक हृदय का शुद्ध विकास ,
तभी रास्ट्र निर्माण बन पायेगा सक्षम अविनाश ,

मत मान लो, घर द्वार मेरे स्वप्न का परित्याग है ,
मेरी आकांक्षा तो बड्नावल की वो आग है ,
कर्तव्य की प्राथमिकता अनुसार नारी ढलती है यहाँ ,
पर आकांक्षाएं तो संग संग चलती है यहाँ ,

पंचम में बृहस्पति अब मेरा गुरु हुआ है ,
अरे देखो ना , जीवन तो अभी शुरू हुआ है !
जो कहा था मैंने ना कर दूँ, अब वही तीर तो साधा है,
सब होगा सिद्ध अब जीवन में, ये मेरा तुमसे वादा है !

सुन मेरे ये वचन मेरी सखी अब मौन है ,
बंधुओं अब ये तो बूझो, वो सखी आख़िर कौन है ?
इस बात को कैसे कहूँ, इसी बात का तो दुःख है ,
वो कोई और नहीं मेरी तस्वीर का ही रुख है ,

रुख वह जो अब तक बचपन के उन ख़्वाबों में बंद है ,
जो उन्मुक्त है , आजाद है , स्वतंत्र है, स्वछन्द है ,
एक रुख ये है जो रखे है पहले जिम्मेदारियों को ,
प्रणाम करते हैं अंत में सब माँओं को सब नारियों को |

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Monday, August 25, 2008

Every action has an equal & "opposite" reaction !

कह गए थे न्यूटन साहब, एक पते की बात !
चलो आज मैं share करुँ वो बात आपके साथ ....

कहा उन्होंने हर क्रिया की प्रतिक्रिया हमेशा आती है,
क्षमता उतनी ही , पर उसकी दिशा बदल सी जाती है ,

आज जाने दिल में इतना दुःख क्योंकर छाया है,
बात साफ है शायद तूने, किसी बड़ी खुशी को पाया है ,

करुँ क्या मैं उपाय कहो ,भाव रुके न देश,वन, प्रान्तों से ....
पहुँच ही जाते हैं दिल तक , चले न्यूटन के सिद्धांतों से !

मैं खुशी खुशी कांटें ले लूँ जो राह में तेरे फूल है,
जो गम से मेरे तू खुश है, तो दर्द भी मुझे कबूल है !

Saturday, August 16, 2008

पराया

दिल में फिर सिहरन सी? किसका ये साया है ?
वीराने दिल में फिर रहने कोई आया है.....

कहता है दिल तुमको हाथों से छूलूं,
डर है टूटे जो रिश्ता बनाया है.....

मुझपे तो थी , सारी दुनिया की बंदिश,
दिल मेरा तुमपे किस तरह से आया है?

गर है हकीक़त, ये कैसे मैं मानूं,
जो अपना लगा था, वो आँगन पराया है !
मुहब्बत से हम तो सींचे जा रहे थे,
वो प्यारा सा , नन्हा सा पौधा पराया है,
वो कतरा खुशी का जो पाया अभी था,
वो ज़ज्बा, वो कतरा, चमन ही पराया है,
किसे मानें अपना ? किसे अब पराया ?
जो अपना था छूटा, जो आया पराया है ....

हासिल क्या होगा , तुम्हे यार मेरे?
क्यों तुमने मुझको दीवाना बनाया है?

तुम भी तो झुल्सोगे जो हम जलेंगे,
तौबा खुदा ने क्या शोला लगाया है...

चलो उसको ही सौंपें ये कुदरत की बातें,
कैसा लगा जो ये नगमा सुनाया है?

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दौर-ऐ-इश्क

गुज़र रही थी ज़िन्दगी अपने ही तौर से ,
नज़र लगी किसी की ,मिले हम इश्क--दौर से,

हंसने लगी है दर्पण,कलम भी मुस्कुराई,
ये मैं ही हूँ, या मिल रही हूँ शक्श-और से ?

हर वक्त दिल पर मची हुई परछाईयों की चीख!
कैसे करुँ मैं बंद कान हरसू ये शोर से,

दुनिया तो देखती है मेरे गीत का समाँ,
मिल सका है कौन उन गीतों के छोर से ?

मेरी उम्मीद भी है किसी बच्चे की तरह ,
कोई सुने, सुने , रोये है ज़ोर से !

रिश्तों का क्या भरोसा? अभी हैं अभी नहीं,
पर दुनिया ही बसी है , इस रिश्तों की डोर से !








रूह बोलती है !

कलम नहीं अब तो मेरी रूह बोलती है ,
दीवानगी से अपने आशिकी को तोलती है !

नहीं ख़बर थी हमको महंगा था इतना सौदा ,
ये दिलागी सुकून--दिल को मोल्ती है ...

दिल करे दुआ, तुझे भी हो मुहब्बत ,
सुनते हैं , गली गली तेरी नज़रें डोलती है ?

चाहत जो तुझको आए ,तो इस कदर सताए ,
सिलवट वो चादरों पे जैसे राज़ खोलती है...


मिल जाए तुखो मंजिल फिर भी दुआ करेंगे,
इस दर्द--गम में दिल तेरी हँसी टटोलती है !



Zindagi - ज़िन्दगी

वह रे तेरी धाक ज़िन्दगी !
आईने सी पाक ज़िन्दगी ,
पल में कर दे शहंशाह तो ,
पल में कर दे ख़ाक ज़िन्दगी ...

उनसे मिलना, फिर मिलना , फिर मिलना, मिलते रहना,
नए बहाने मेल जोल के देना तू हर बार ज़िन्दगी ...

सोच सोच कर दिल हँसता है, कैसी ये नादानी है,
फूल पराया है जिसपे आया हमको प्यार ज़िन्दगी !

Friday, August 15, 2008

mausam-e-ashikana - मौसम-ऐ-आशिकाना

था सौदा बड़ा ही ये सस्ता मगर,
दिल के खोने का गम तो हुआ है हमें,
शायरी जैसी अपनी तो उड़ने लगी,
तेरी चाहत ने जबसे छुआ है हमें,

अब ख्वाहिश है जियें जी भर के इसे,
कल रहे रहे मौसम--आशिकाना ,
ये खुदा की है रहमत, तुम जो भी कहो ,
हर किसी को मिले खुशी का खजाना .....

dhadkan - धड़कन

ये कहती है दुनिया , क़दम बढ़ा ,
नशा ये मुहब्बत का है सर चढा ,
जो चढ़ जाए आए क़यामत की सूरत,
लगे ये जहाँ हर झलक खूबसूरत ,
पर टूटेगा जब तेरे दिल का गुमाँ ये,
तो बन जाएगा हर समाँ बद्नूमां ये,
जो रो ओगे तुम तो ये दुनिया हँसेगी ,
तेरे आंसूओं पे ये ताने कसेगी,
पता है सिला मुझको उल्फत का तब भी !
धड़कता है दिल तुमको देखूं मैं जब भी !

Phursat - फुर्सत

फुर्सत मिल जाए तुम्हें जो कहीं ,
पूछना इतना नाज़ करती वो क्यों है?
जो वक्त--शिकायत का ले वो बहाना ,
उससे कहना दिल में अरमाँ वो भरती ही क्यों है?

फुर्सत ही ने मुझसे कभी ये कहा था,
की भूले से दिल ये लगाना नहीं ,
मिलेगी फुर्सत जो दिल को लगाया ,
मैं मुहब्बत में थी मैंने माना नहीं...

अब मिला जो सिला दिल लगाने का मुझको ,
मैं रो रो के ढूढूं वो फुर्सत के पल,
हर वक्त एक साया , है नज़रों पे छाया ,
मशरूफ है दिल मेरा आजकल !

naya naya- नया नया !


जहाँ--आरजू में दिल ये गया गया है ,
ये आशिकी का फन भी ज़रा नया नया है...

हैरान हूँ ख़ुद में देख अपने आईने का रंग ,
ऐसे तो कभी थे मेरे ख्वाईशों के ढंग,
कहते हैं लोग मुझसे कुछ है ज़रूर आज,
खामोश जुबां पर निगाह बयां बयां है ....

नहीं उम्मीद ही तेरा इंतज़ार है ,
संजीदगी में है या शौकिया ही प्यार है?
खिला है कैसा फूल पत्थरों के गाँव में ,
खंजर तो कई खाए , तीर मयां मयां है !

मेरे खुदा शुकर है तेरा रहम--करम है ,
गायें तेरे ही गीत जो हाथों में कलम है,
मिले हमें तारीफ़ तेरे बोल जो कहें ,
शर्मिंदगी से दिल ये मेरा स्याह स्याह है....

ये आशिकी का फन भी ज़रा नया नया है.......

judai- जुदाई

मैंने माना की दिल तेरा कायल हुआ है,
बिना कुछ कहे देखो घायल हुआ है ,
अब डर है बढे फरेबी उमीदें,
चलो रस्ते बदलें, सब ख़्वाबों को सी दें,
जो मुमकिन नहीं तुमको अपना बनाना ,
गवारा नहीं फिर ये दिल का लगाना,
दिल--आरजू के वफ़ा की कसम,
अब कभी तुमको आवाज़ देंगे हम,
कभी गुजरो तुम जो गली से हमार
देखेंगे तुमको चुपके चिल्मन सहारे ,
दुआ है रहे तू हमेशा खुशी से,
जुदा हो रहे हैं तेरी ज़िन्दगी से ....

Wednesday, August 13, 2008

आज - aaj!

संभला है दिल बड़ी मुश्किल से आज ,
लो चल दिए उठ के तेरी महफिल से आज ,

तूफाँ में भी कश्ती हँसती रही ,
लो फिर आके टूटा दिल साहिल पे आज ,

समंदर थी दोस्ती आपकी अब ये जाना ,
हर आँसू में खारापन कुछ शामिल है आज,

अब पूछो मेरी अमीरी के जलवे,
हर आह पे सबकी वाह हासिल है आज,

नहीं खेलना अपने दिल से हमें अब,
ये टूटने के भी नही काबिल है आज !

Thursday, August 7, 2008

Solutions-बूझ मेरा क्या song रे? -classic-songs part II

1. इनकी मीठी बातें ये मतवाली आँखें ज़हर है प्यार का |
Oo ..Dil lena khel hai Dildar ka, bhule se naam na lo pyar ka - Zamane Ko Dikhana Hai, RD Burman, Majrooh Sultanpuri


. जब हम न होंगे तब हमारी ख़ाक पर तुम रुकोगे चलते चलते ,
Rahe na rahe hum, mehka karenge Ban ke kali, ban ke saba, baagh-e-wafa mein! - Mamta, Lata, Roshan, Majrooh Sultanpuri


. इक हवा का मैं झोंका , दे जाउंगी मैं धोखा , ऐसा मौका तो आने दो
Tauba-tauba kya hoga hona hai jo woh hoga hona hai jo ho jaane do - Mr Natwar lal, Asha, Rajesh Roshan,


. कौन जाने बंसुरिया किसको बुलाए ?
Shyam teri bansi pukare radha naam, log kare meera ko yuhi badnam - geet Gata chal, Aarti mukherjee-Jaspal singh , Ravindra Jain, Ravindra Jain


. देर न करना कहीं ये आस टूट जाए , साथ टूट जाए ..
Barsaat mai , barsaat mai humse mile tum sajan ...tum se mile hum barsaat mai - Barsaat, Lata, Shankar-Jaikishan (Debut), Shailendra


. वरना क्या बात थी तू कोई सितमगर तो नहीं ?
Woh tere pyar ka gum, ik bahana hai sanam, apni kismat hi kuch aisi thi, ki dil tut gaya - My love, Mukesh, Daan Singh, Anand Bakshi

७. सोचा था ये बढ़ जाएँगी तन्हाईयाँ जब रातों की ,
Patthar Ke Sanam, Tujhe Humne Mohabbat Ka Khuda Jaana, Badhi Bhool Hui Arey Humne, Yeh Kya Samjha Yeh Kya Jaana - Pathar Ke Sanam, Rafi, Laxmi-Pyare, Majrooh Sultanpuri

. तुमने तो आकाश बिछाया , मेरे नंगे पैरों में ज़मीं है ,
Katra katra milti hai, katra katra jeene do. zindgi hai bahne do, pyaasi hoon main pyasi rahne do - Izzazat, Asha, RD Burman, Gulzar


. मैंने सिन्दूर से मांग अपनी भरी, रूप सैयां के कारण सजाया ,
Piya aiso jiya mai samaay gayo re, ke mai tan man ki sudh budh gawa baithi - Sahib, Biwi aur Gulam, Geeta dutt, Hemant Kumar (This movie is a master piece and one of my favorite), Shakeel Badayuni

१०
.सखियाँ न मारो मोहे ताने , जिसको न लागी वो क्या जाने ?
Akhiya bhool gayi hai sona. dil pai hua jaadu tona - Goonj uthi shehnai, Geeta Dutt & Lata,Vasant Desai's composition, Bharat Vyas

११
. मेरा पागल पना तो कोई देखो पुकारूं मैं चन्दा को साजन के नाम से |
Zulmi sang aankh ladi re, sakhi mai kase kahu - Madhumati, Lata, Salil Chaudhry, Shailendra

१२
. दिया टूटे तो है माटि , जले तो ये ज्योति बने ...
Kahe ko roye chahe jo hoye safal hogi teri Aradhana - Aradhana, SD Burman, Anand Bakshi

१३
. गुण तो न था कोई भी, अवगुण मेरे भुला देना |
O re Maajhi..Mere saajan hai uss paar, mai iss paar, ab ki baar le chal paar - Bandini, SD Burman, Shailendra

१४
. पूछे कोई दर्द-ऐ-वफ़ा कौन दे गया ? रातों को जागने की सज़ा कौन दे गया ?
Duniya kare sawal tau hum kya jawab de , tumko na ho khayal tau hum kya jawab de - Bahu Begam, Lata , Roshan, Sahir Ludhianvi

१५
. न देंगे तुझे इल्जाम बेवफाई का, मगर गिला तो करेंगे तेरी जुदाई का ...
Hum intezar karenge kayamat tak, khuda kare ki kayamat ho aur tu aaye - Bahu Begam, Asha-Rafi, Roshan, Sahir Ludhianvi

Wednesday, August 6, 2008

अपने तो अपने होते हैं !

परिवार एक आस्था है , एक विश्वास है जो ये दिलासा देता है की कहीं भी, कभी भी , जीवन के किसी भी मोड़ परकोई है , कोई साथ है | अब वो माँ का प्यार हो या पिता का दुलार, पति का विश्वास हो या बच्चों से घर की सफाई कासत्यानाश ! चाहें हम बर्तनों की तरह खनकें , पर उस खनक में भी एक संगीत है , कभी सुना है आपने ?

नव सूर्य की आरुशी से शनि का टूटा कोप है ,
जग जगमग उजियारा है , जीवन में नई hope है |

अपनों के ही कुछ बातों से मुझको दुःख पहुँचा था ,
पर पहचाना है, उस ताड़ना का , उद्द्येश्य ऊंचा था !

वो कहते नहीं कभी मुंह से , नहीं करते प्रेम प्रदर्शन हैं ,
पर ये जान चुकी हूँ मैं, उनका सब कुछ मुझ पर अर्पण हैं !

अपनों के ही सपनों से हमको मिलता आकार है ,
मम्मी पापा से बढ़कर मेरे सास-ससुर का प्यार है ,

आज उनके वंश की अभिन्न कड़ी हो गई हूँ मैं ,
और छोटी छोटी बातों से अब बड़ी हो गई हूँ मैं,

आज मिट गयीं है सारी वहमें, प्रेम का उगता बीज है ,
घर में फिर खुशियाँ आयीं , आज 'हरियाली' तीज है !

आपकी,
-अर्चना

बूझ मेरा क्या song रे?- tritiya

सॉरी मित्रों , आप से वादा किया था बूझो सीरीज़ के अगले अंक का | काम इतना हो गया की पूछो मत |
चलिए , देर आए, दुरुस्त आए | सवाल थोड़े टफ बंनाने के लिए अब की बार सिर्फ़ एक ही लाइन दिया है पर मुझे पता है की आप लोग इसे भी आसानी से भांप लेंगे | कृपया कर पूरा मुखडा बताइयेगा -
और हाँ , no cheating ! अरे ! आए तो आए, नहीं तो नहीं की सी बात ....

अंतरे से मुखडा बताइए ..

१. इनकी मीठी बातें ये मतवाली आँखें ज़हर है प्यार का |

२. जब हम न होंगे तब हमारी ख़ाक पर तुम रुकोगे चलते चलते ,

३. इक हवा का मैं झोंका , दे जाउंगी मैं धोखा , ऐसा मौका तो आने दो

४. कौन जाने बंसुरिया किसको बुलाए ?

५. देर न करना कहीं ये आस टूट जाए , साथ टूट जाए ..

६. वरना क्या बात थी तू कोई सितमगर तो नहीं ?

७. सोचा था ये बढ़ जाएँगी तन्हाईयाँ जब रातों की ,

८. तुमने तो आकाश बिछाया , मेरे नंगे पैरों में ज़मीं है ,

९. मैंने सिन्दूर से मांग अपनी भरी, रूप सैयां के कारण सजाया ,

१०.सखियाँ न मारो मोहे ताने , जिसको न लागी वो क्या जाने ?

११. मेरा पागल पना तो कोई देखो पुकारूं मैं चन्दा को साजन के नाम से |

१२. दिया टूटे तो है माटि , जले तो ये ज्योति बने ...

१३. गुण तो न था कोई भी, अवगुण मेरे भुला देना |

१४. पूछे कोई दर्द-ऐ-वफ़ा कौन दे गया ? रातों को जागने की सज़ा कौन दे गया ?

१५. न देंगे तुझे इल्जाम बेवफाई का, मगर गिला तो करेंगे तेरी जुदाई का ...

सोचो ,सोचो ,सोचो ....

-अर्चना

Sunday, August 3, 2008

Solution - बूझ मेरा क्या song रे? -dvitiya

१. वो हसीना वो नीलम परी
कर गई कैसी जादूगरी
नींद इन आँखों से छीन ली
दिल में बेचैनियाँ है भरी
मैं आवारा हूँ बनजारा हूँ अब ये समझाऊँ किस किसको
दिल में मेरे है दर्द-ए-डिस्को (ओम शांति ओम)

२. दिल दीवाना, बिन सजना के माने ना
ये पगला है समझाने से समझे ना (मैनें प्यार किया)

३. तड़प-तड़प के इस दिल से आह निकलती रही
मुझको सजा़ दी प्यार की
ऐसा क्या गुनाह किया, कि लुट गये हम तेरी मोहब्बत में (हम दिल दे चुके सनम)

४. पल पल पल पल हर पल हर पल
कैसे कटेगा पल हर पल हर पल -(लगे रहो मुन्ना भाई)

५. मधुबन में जो कन्हैया किसी गोपी से मिले
कभी मुस्काये कभी छेड़े कभी बात करे
राधा कैसे ना जले (लगान)

६.यूँ तो मैं बतलाता नहीं
पर अंधेरे से डरता हूँ मैं माँ (तारे ज़मीन पर)

७.धड़क धड़्क धुआं उडाए रे _ (बन्टी और बबली)

८. हाँ है कोई तो वज़ह जो जीने का मज़ा यूँ आने लगा
ये हवाओं में है क्या, थोड़ा सा जो नशा यूँ छाने लगा
पूछो ना पूछो मुझे क्या हुआ है तेरी बाँहों मे आकर
पूछो ना पूछो मुझे क्या मिलेगा तेरी यादों मे जीकर
ये इश्क़ हाये बैठे बिठाये जन्नत दिखाये हाँ..ओ रामा (जब वी मेट)

९. याई रे याई रे ज़ोर लगा के नाचो रे (रंगीला)

१०. कहने को जश्ने बहारां है ( जोधा अकबर)

Friday, August 1, 2008

solution of - बूझ मेरा क्या song रे?-pratham

१. हँसता हुआ नूरानी चेहरा , काली जुल्फ़ें रंग सुनहरा
तेरी जवानी तौबा तौबा रे दिलरुबा दिलरुबा
(Parasmani, Lata-Kamal Barot, Laxmi-Pyare)

२. अपलम चपलम , चपलाई रे दुनिया को छॊड तेरी गली आई रे..
हो दुनिया को छोड़ तेरी गली आई रे आई रे आई रे
(Azaad, Lata, C Ramchandra's composition)

३. सारंगा तेरी याद में नैन हुए बैचैन
मधुर तुम्हरे मिलन बिना दिन कटते नहीं रैन ।
(Saaranga , Mukesh, Sardar Malik )

४. ये अपना रंजोग़म अपनी परेशानी मुझे दे दो
तुम्हे दिल की क़सम ये दुख ये वीरानी मुझे दे दो
(Shagun, Jagjit Kaur, Jagjit Kaur's husband - guess?)

५. दिल में किसी की याद का जलता हुआ दिया
दुनिया की आँधियों से भला ये बुझेगा क्या ?
(Ek Mahal ho sapno ka, Lata, Ravi)

६. अफ़साना लिख रही हूं दिले बेक़रार का
आँखों मे दर्द दिल में तेरे इन्तजा़र का ।

७.आन मिलो आन मिलो श्याम सांवरे , ब्रिज में अकेली राधा खोई खोई फिरे, हो राधा खोई खोई फिरे |
( Devdas, Geeta-Maandey, SD Burman)

८. ओहरे ताल मिले नदी के जल में नदी मिले सागर में
सागर मिले कौन से जल में कोई जाने न
( Anokhi Raat, Mukesh, Roshan)

९. मिलती है जिन्दगी में मुहब्बत कभी कभी,
होती है दिलबरों की इनायत कभी कभी
(Aankhen, Lata, Ravi)

१०. कहीं दूर जब दिन ढ़ल जाए सांझ की दुल्हन बदन चुराए
चुपके से आए, मेरे खयालों के आंगन में कोई सपनों के दीप जलाए
(Anand, Mukesh, Salil Chaudhry)

बूझ मेरा क्या song रे?- Dvitiya

मैंने इसे बाद में पोस्ट करने का सोचा था पर लगा किसी किसी को पुराने गाने आते हैं किसी को नए, तो इन दोनों को एक ही साथ पोस्ट करना चाहिए |
और हाँ कोई चीटिंग नहीं करना , ओ के ?
और ये भी बता दूँ, दोनों sections में , जो भी सबसे ज़्यादा सवाल सही करेगा , उसे/ उन्हें इनाम भी मिलेगा ! अब इनाम क्या है वो तो जीतने वाले को ही बताया जाएगा ..
अरे ! disclaimer तो भूल गई .. कोई स्पेलिंग ग़लत हो तो माफ़ कीजियेगा !

तो लीजिये नए गीतों को बूझने और जूझने के सवाल -

१. लम्हा लम्हा अरमानों की फरमाइश थी ,
लम्हा लम्हा जुर्रत की आजमाइश थी

२. जी ये चाहे बना के आँचल तुमको लपेटूं तन पे ,
और कभी की मैं उड़ जाऊं तुम को लिए गगन पे ,

३. कभी है मिलन , कभी फुरकत ,
है यही क्या वो मोहब्बत ,
वाह रे वाह तेरी कुदरत !

४. कल क्या हो किसको ख़बर , लगता है डर , लगता है डर
इस पल में सिमटे उमर , रात कटे न , कभी हो सेहर ......

५. मन में है राधे को कान्हा जो बसाए ,
तो कान्हा काहे को उसे न बताये ?

६. भेज ना इतना दूर मुझको तू ,
याद भी तुझको आ न पाऊँ , ....
क्या इतना बुरा हूँ मैं , ....

७. ओहो ज़रा रास्ता तो दो , थोड़ा सा बादल चखना है ,
बड़ा बड़ा कोयले से नाम फलक पर लिखना है ,

८. तोडे मैंने सारे ही बंधन ज़माने तेरे , तोडूंगी न मैं वा..........दा,
आधा हिस्सा मेरे इस दिल की कहानी का तू, पिया मैं बाकी आधा ,

९. इतने चेहरों में अपने चेहरे की पहचान तो हो,
बड़े बड़े नामों में अपना भी नाम-ओ- निशाँ तो हो

१०. हमने जो था नग्मा सुना , दिल ने था उसको चुना , ये दास्ताँ हमें वक्त ने कैसी सुनाई ?
हम जो अगर हैं गमगीन , वो भी उधर खुश तो नहीं , मुलाकातों में जैसे घुल सी गई तन्हाई .


बोलो , बोलो , बोलो .....

बूझ मेरा क्या song रे?-pratham

पिछले हफ्ते हमने स्विम पूल पार्टी में ये गेम खेला था की अंतरे से मुखडा पहचानना था |
बहुत मज़ा आया था | कई गीत ऐसे होते हैं की बस ज़बान पर हैं पर याद नही आते हैं |
चलिए देखें , आप में से पहले कौन इसे बूझ सकता है |
और हाँ इसके बाद नए गानों की भी एक सीरीज़ आएगी |
देखें , आप में से प्रसिद्ध गीतों में बसी 'कविता' को कौन वास्तव में सुनता है ???
हो सके तो जवाब में पूरा मुखडा लिखियेगा -


१. जी भर के तडपा ले, जी भर के वार कर ,
सब कुछ गवारा है, थोड़ा सा प्यार कर ,

२. अब पछताए दिल, हाय कित जाए दिल ,
काहे को ये आग लगायी रे , लगायी रे , लगायी रे ,

३. वो अम्बुआ का झूलना , वो पीपल की छाओं ,
घूंघट में जब चाँद था , मेहंदी लगी थी पांव ,

४. वो दिल जो मैंने माँगा था मगर औरों ने पाया था ,
बड़ी खैर है अगर , उसकी पशेमानी मुझे दे दो ....

५. अब वो करम करें या सितम उनका फ़ैसला ,
हमने तो दिल में प्यार का शोला जला लिया

६. आजा के अब तो आँख में आंसू भी आ गए ,
सागर छलक उठा मेरे सब्र-ओ-करार का ,

७. ब्रिन्दावन की गलियन में तुम बिन जियरा न लागे ,
निस दिन तोहरी बाट निहारे व्याकुल नैना अभागे ,

८. अनजाने होठों पर तो पहचाने गीत हैं ,
कल तक जो बेगाने थे , जन्मों के मीत हैं ,

९. फिर खो न जाएँ हम किसी दुनिया की भीड़ में ,
मिलती है पास आने की ,........... ......... ........

१०. कभी तो ये दिल कहीं मिल नहीं पाते ,
कहीं ये निकल आयें जन्मों के नाते ,

Lets Get Set & Go......

गति ही प्रगति का मूल है, ये मंत्र न भूलना !
-अर्चना