Wednesday, December 29, 2010

मेरी कुट्टी तुमसे कान्हा
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मैने माना , रे कान्हा, दुनिया पल का आना- जाना,
पर है ठाना, दूँगी ताना, अब फिर जो तूने माना,
तूने राधा के संग बाँधा ,हो आधा पर प्रेम को साधा ,
बोल, ये जो प्यार है... केवल देवों का अधिकार है ?
जिसका रूप, ना आकार है ...
निर्विघ्न चीत्कार है ...
बिन अस्त्र का प्रहार है..
समय की मार .. हर बार की हार ... मात्र हाहाकार.....
क्या
केवल देवों का अधिकार है?
किन्तु अब मेरी बारी है, अब पूरी ही तैयारी है ...
टूट गयी है शक्ति, मेरी अर्चना नहीं हारी है...

सुन ले.....जब तक प्राप्त नहीं अब प्यार है,
जिस
पर मेरा अधिकार है !
तेरी पूजा नहीं स्वीकार है ...

दूँगी ताना, अब है ठाना, जो तू मेरी बात माना,
मेरी कुट्टी तुमसे कान्हा ....

Tuesday, August 3, 2010

कभी कभी रातों की नींद भी सो जाती है,
जब कलम की दिल से यारी हो जाती है ....
(c)अर्चना

एक दिन मैंने सोचा दुःख का कारण क्या है ,
और ह्रदय की पीड़ा का निवारण क्या है ?....
पाया मैंने सब की जड़ आसक्ति है.....
और हाँ ..... जो आ-सकती है, वो जा भी सकती है....
तो क्यूँ मानवता का हम अपमान करें.......
चलो, कभी तो खुद से हम पहचान करें.......(c)अर्चना

Friday, April 30, 2010

मेरी बातों ने उन्हें छुआ होगा, पर.. शायद.. कुछ यूं हुआ होगा ...
मशरूफ होंगे काम में, तभी चुप्पी सी छाई है...
लिखा नींद में होगा, जो ख़त कड़वा पैगाम लायी है ...
मेरी हर बात, करके याद, उनका दिल जो टूटा होगा,
तभी हर बात पर , मुंह से उनके वो ज़हर छूटा होगा,
लेकिन... मेरे यकीन ने उन्हें ज़रूर छुआ होगा...
पर.. शायद .. कुछ यूं हुआ होगा ...कुछ यूं हुआ होगा...
(c) अर्चना
meri baaton ne unhen chhua hoga, par shayad kuch yoon hua hoga..

mashroof honge kaam mein, tabhi chhupi si chaayi hai,
likha neend mein hoga, jo khat kadwa paigaam laayi hai,
meri har baat, karke yaad, unka dil jo toota hoga,
tabhi har baat par, munh se unke wo zahar chhoota hoga....

lekin... mere yakeen ne unhen zaroor chhua hoga...
par.. shayad... kuch yoon hua hoga..... kuch yoon hua hoga...

Wednesday, March 31, 2010

खबर तकें वो , भेज के पैगाम प्यार का...
कुछ लीजिये हुज़ूर ! लुत्फ़ इंतज़ार का....
जो गाँव से आये थे तो मिलते गले थे हम ,
अब फासला संभालिये इस शहरी यार का....
(c)Archana//


khabar taken wo, bhej ke paigam pyar ka...
kuch lijiye Huzoor! lutf intazaar ka....
jo gaanv se aaye the to milte gale the hum....
ab faasla sambhaaliye is shahari yaar ka.....

(c)Archana//

लिखती रहो तुम , आपके इस चाह के सदके ,
हमारी आह पर मचली हरेक उस वाह के सदके,
जहाँ पर साफ़ कर आये हैं जाके, सब गुनाह-ए-जुर्म ,
ऐसी पाकीजगी, ऐसे इबादत गाह के सदके .....
(C) Archana
Likhti raho तुम aapke is chah ke sadke ,
hamari aah pe machali harek us WAh ke sadke,
jahan par saaf kar aaye hain jaake, sab gunaah-e-jurm ,
aisi paakeezagi, aise ibaadatgaah ke sadke....
(C) Archana

मुस्कानों की कीमत, रिश्तों की व्यापारी सीख गयी,
बाजारों के जैसे, कैसे बदले यारी सीख गयी ...
बड़ा नाज़ था मुझे कभी, के दिल का मोल नहीं होता,
तेरे प्यार में यारा मैं तो दुनियादारी सीख गयी ...
(c)Archana


Muskaanon ki kimat, Rishton ki Vyapaari seekh gayi...
Bazaron ke jaise, kaise badle yaari seekh gayi.....
bada naaz tha mujhe kabhi ki dil ka mol nahin hota....
tere pyar mein yara main to Duniyadaari seekh gayi...
(c)Archana

Tuesday, March 9, 2010


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खुद की गलती पे हमें माफ़ किये जाते हैं ,
चेहरे पे धूल, आइना साफ़ किये जाते हैं,
आप ही कातिल मेरे और आप ही मुंसिफ बने ,
वल्लाह ! क्या खूब इन्साफ किये जाते हैं....

khud ki galti pe hamen maaf kiye jaate hain,
chehre pe dhool, aina saaf kiye jaate hain,
aap hi qaatil mere aur aap hi munsif bane,
wallah! kya khoob insaaf kiye jaate hain...


(c)Archana


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Monday, January 4, 2010

दिल जिंदा है वहीँ जहाँ आँखों में सपने रहते हैं,
परदेस सही, पर देस वही जहाँ सारे अपने रहते हैं,

सुर-असुर- बेसुर जहाँ अपने गीतों को गा सकें,
है वही दोस्त का दर जहाँ हम बिना बताये जा सकें .....


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