मेरी बातों ने उन्हें छुआ होगा, पर.. शायद.. कुछ यूं हुआ होगा ...
मशरूफ होंगे काम में, तभी चुप्पी सी छाई है...
लिखा नींद में होगा, जो ख़त कड़वा पैगाम लायी है ...
मेरी हर बात, करके याद, उनका दिल जो टूटा होगा,
तभी हर बात पर , मुंह से उनके वो ज़हर छूटा होगा,
लेकिन... मेरे यकीन ने उन्हें ज़रूर छुआ होगा...
पर.. शायद .. कुछ यूं हुआ होगा ...कुछ यूं हुआ होगा...
(c) अर्चना
meri baaton ne unhen chhua hoga, par shayad kuch yoon hua hoga..
mashroof honge kaam mein, tabhi chhupi si chaayi hai,
likha neend mein hoga, jo khat kadwa paigaam laayi hai,
meri har baat, karke yaad, unka dil jo toota hoga,
tabhi har baat par, munh se unke wo zahar chhoota hoga....
lekin... mere yakeen ne unhen zaroor chhua hoga...
par.. shayad... kuch yoon hua hoga..... kuch yoon hua hoga...
Friday, April 30, 2010
Subscribe to:
Posts (Atom)