Saturday, December 12, 2009

रगों में जोश, दिलों में रवानगी रहे,
ज़िन्दगी झूमे जहाँ दीवानगी रहे ...
इस एहसास को हम सच्ची पावन धूप दें,
एक दूजे से कुछ सीखें, इसे दोस्ती का रूप दें ....

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4 comments:

Avinashmalhotraavi@gmail.com said...

बहुत खूब!

Udan Tashtari said...

बहुत बढ़िया.

श्यामल सुमन said...

सुमन अर्चना करे ईश से
अर्चना की यूं ही बानगी रहे

सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com

परमजीत सिहँ बाली said...

बहुत बढि़या!!