Wednesday, June 22, 2011

उत्तराखंड / उत्तराँचल

~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~

मेरे देश के माथे का सिरमौर हिमालय धाम है,
और बसा जिस राज्य में, उसका उत्तराखंड नाम है,

राज्य अनूठा, लोग भी अनुपम, अपनापन है फैला,
बारह वर्षों में लगता है जहाँ कुम्भ का मेला,

देव भूमि, पावन धरती, जहाँ सत्य की नींव टिकी थी,
वेद व्यास ने महाभारत की गाथा यहीं लिखी थी,

बिना प्रश्न का उत्तर काशी, हरिद्वार की रोटी,
छोटे चारों धाम यहाँ , नैना देवी चोटी,

जिम कार्बेट का पार्क यहाँ और जन्नत अल्मोड़ा है,
अफलातून है देहरादून और नैनीताल का जोड़ा है,

गंगा मैया और जमुनाजी का जन्म यहीं हुआ है,
सिक्षा में भी आई आई टी रूरकी ने भी गगन छुआ है...

रुद्रप्रयाग है त्याग की आग, जिसकी महिमा प्रचंड है,
रहे गर्व मुझको सदा, ये मेरा उत्तराखंड है ..

इस कविता की विडियो अप यहाँ देख सकते हैं -
http://youtu.be/vbI3XnfYzSs

~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~

12 comments:

Yashwant R. B. Mathur said...

बहुत अच्छी लगी यह कविता और आपका ब्लॉग।
------
कल 27/09/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!

रविकर said...

सुन्दर प्रस्तुति पर
बहुत बहुत बधाई ||

रेखा said...

बहुत सुन्दर रचना ...

S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib') said...

बहुत अच्छा लिखा है... अच्छी तस्वीर खींची...
सादर...

Dr.J.P.Tiwari said...

Sundar aur manmohak.

Unknown said...

अत्यंत भावुक कृतज्ञता पूर्ण रचना ..देव भूमि कि जय हो ...स्वागत है आपका ..शुभकामनायें !!!

Maheshwari kaneri said...

बहुत सुन्दर रचना ...बहुत बहुत बधाई ||

SANDEEP PANWAR said...

वाह जी वाह, बडी मेहनत की इस लेख में,

Milap Singh Bharmouri said...

Very good.....

Unknown said...

nice one
like us at https://www.facebook.com/gauravspoems

Pramod Kumar Kharkwal said...

Very nice poem

visit us at http://kadamtaal.com/

Rahul said...

agian nice poem
” Best poem in Hindi and Ghazals lyrics”