Thursday, May 8, 2008

Naukri ki tokeri - नौकरी की टोकरी

करी करी नौकरी , नौ नौकरी करी ,
मरी मरी मैं मरी, जब भी नौकरी करी ,
दे दे के झूठे वादे , हरजाई मुख मोड़ गई ,
कभी मैंने छोडा उसे ,वो ही कभी छोड़ गई ,
ऊंची ऊंची डिग्रियों का , क्या मैं अब अचार करुँ ?
क्या बनेगा future मेरा, अब इसपे मैं विचार करुँ |

आई जो मैं पढ़ लिख के, BTech MBA कर के,
पहुँची अमरीका , कितने नयन में सपने धर के,
मेरा वो पहले इंटरव्यू , चक्रव्यू की चोटी ,
बिना वर्क परमिट के मैं उल्टे पाँव लौटी ,
मेरा अपराध घोर था, status मेरा H4 था ,

चार साल वनवास मैंने, जैसे तैसे भोगा,
आया जो ग्रीन कार्ड मैं झूमी, अब कुछ होगा ,
मैंने किए सारे तप, तब मिला एक startup,
मैंने कहा पैसे कम है, उसने कहा बस यही गम है ?
अगर तुम में दम है, काम किए जाओ , हम हैं ..


खैर , इरादा नेक था , मेरा वो पहले ब्रेक था,
मैंने की थी पूरी कोशिश, दिन रात एक कर डारी,
अब किस्मत को मैं क्या रोऊँ ,जो पाँव हो गया भारी,

बस, फिर क्या था ? फिर टूटी करीयर की डोरी,
बस गूंजी बच्चों की लोरी ,
दिन- साल- महीने गुज़र गए अब कोई करो उपाय ,
बच्चों के पालन के संग कौन नौकरी की जाए ?

सब R&D कर कर के, ये बात समझ है आई,
टीचर बन ने में ही अब तो होशियारी है भाई ,
बच्चों के ही संग जाना है, उनके ही संग आना,
दो पैसे तो घर में आयेंगे , हमने ख़ुद को ताना ,
पर टीचर बन ने को ,जो हुआ हमारा हाल ,
बज गए बाजा credentials में, लग गए पूरे दो साल ,
फिर मिली नौकरी पक्की , और चली समय की चक्की,

हुए बड़े कुछ बच्चे हाय , software फिर हमें बुलाये ,

बस एक नौकरी के पीछे सब लगा दिया है दम ,
लो outsource का दानव फिर ले आया है मातम ,

तंग गई में अमरीका में .बी.सी.दी (ABCD) बन कर ,
मैं ही आया , मैं ही बैरा , मैं ही कुक और ड्राईवर ,

उन बहनों के लिए ये संदेश मेरे पास है ,
जिनके दिलों में भी परदेस की ही आस है ,

जब आना इस ओर तो माँ या सासु माँ को ले आना ,
देखो बहना, हो पाये तो H4 पर मत आना ,
रखना तुम कंट्रोल अपने फॅमिली के प्लानिंग पर ,
वरना होगा रोना तुमको फूट फूट के धर के सर ,

कविता नहीं है, ये मेरे दिल की एक भडास है ,
पर इन आंसूओं में भी कहीं छुपी एक आस है ,

मैं हूँ नारी हिंद की और वक्त मेरा भी आएगा ,
जो निकल पड़ी मैं सर चढ़ के तो विश्व दंग रह जाएगा ,
तुम गाँठ बाँध लो सारा जग मेरी वाणी दोहराएगा ,
जिस किलकारी ने रोका था , अब वो ही हौसला बढायेगा !

1 comment:

Electrical Engineer said...

Hi, your poems are two excellent, you put the reality and facts of life in such a nice way, that i think everybody will put themself in the poem's character.
you are bundle of talent and creativity, a purely god gift.