चौदह फरवरी सुबह हुई और बेटी आई मेरी,
मुस्काई और शरमा के उसने यूँ नज़रें फेरी,
समझ गई मैं हुई उसे फिर पैसों की दरकार ,
हाय ज़रूरत पर हो आता है अपनों को प्यार!
पूछा फिर भी मैंने उस से -बच्चे! everything is fine?
वो बोली - look mom ! today is valentine !
सौ बातें आई मन में कह डाली सब एक साथ,
माँ जो कभी कहती थी मुझसे दोहराई वो बात ,
"बच्चे चलना देख भाल के , दुनिया बड़ी फरेब,
रखना मर्यादा घर की, अपनी इज्ज़त, अपनी जेब"
"टाइम से खाना खा लेना, करते रहना फ़ोन "
"come on take it easy, just leave me alone!"
इस से पहले मैं कुछ पूछूं, पैसे लेकर वो चल दी,
आज कल के बच्चों को हरदम रहती है जल्दी,
मैं भागी मेरे अपने अजी सुनते हो के पास,
दौड़ भाग टेंशन चिंता से फूल चुकी थी साँस,
"सुनो, सुनो बेटी के लक्षण , मुझपे तो बिजली टूटी है ,
कहती है वैलेंटाइन है, अभी अंडे से नहीं फूटी है ! "
धीरज से समझाओ मुझको ओ बीवी ऑफ़ माइन,
कैसा है बतंगड़ ये, कैसा ये वैलेंटाइन?
"सुनते थे हम भी कॉलेज में है कुछ ऐसा रोग,
हंगामा सा करते थे, आशिक दीवाने लोग,
हर सुंदरी को लव यू लिखकर कर देते थे साइन,
भूलें चाहे होली दिवाली, पालें वैलेंटाइन"
"हँसी करते हो, मैंने कहा हँसी करते हो?
मेरी तो जान ही जायेगी,
कल जब बेटी घर में बॉय -फ्रेंड लेकर आएगी".....
कहा इन्होने -रोम में बन जाओ रोमन,
करो ज़रा तुम ब्रॉड माईंड, नहीं होगी उलझन,
कितना करुँ में ब्रॉड माईंड , कैसे करुँ में ब्रॉड माईंड मां हूँ न,
हो कोई नुक्सान किसी का चाहूँ न,
आने वाले थे कुछ आँसू आंखों में,
चमक उठा कुछ खिड़की की सलाखों में,
देखा टेबल पर नया कुछ रखा है,
बड़े सुनहरे कागज़ से वो ढक्का है,
खोला कवर जो गिफ्ट का , सब टेंशन हो गए एंड(end),
लिखा था उसपर , "mom , you are my best friend"
शिक्षा उस दिन थी जो पाई, भूल नहीं पाऊँगी मैं,
होगा जब भी culture conflict यही गीत गाऊँगी मैं,
जितना हम अपने बच्चों पर विश्वास करेंगे,
उतना ही उनको दिल से हम पास करेंगे,
बनके उनके ही जैसा आओ प्यार को जोडें ,
ये conservative attitude , ये दकियानूसी छोडें,
दिलों के इस पर्व में आओ खुशियों से मेल करें ,
हर नियर और डियर वन को फ़ोन या ईमेल करें !
Wednesday, May 7, 2008
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