भाई बहन का प्यार , जाने सब संसार,
एक दूजे का चाहें भला,
तू सुखी रहे, भइया मेरे,
लगे खुशियों की तुझको दुआ,
जबसे घर छूटा, कहूँ मैं हर बार,
अपना जीवन भर , रहे प्यार .....
सुन बहन मेरी , तू मत रोना,
मैं तेरे पास नहीं , दुखी मत होना,
सरहद पे हूँ, रक्षा करूँ,
सब मिटेंगे गम, जो मिलेंगे हम,
गर जिंदा आया, दुश्मन को मार,
तब तक रहो तेरी राखी उधार.......
अपने बच्चों को हम समझाएं,
कैसे रिश्ते बने, ये सिखलाएँ,
आज इश्क का भूत , सब पे है सवार,
जाने पीढी नई , बस तन का प्यार !
मन के रिश्ते ये मांगें न मोल,
अनजाने बाँध जाएँ , राखी के डोर......
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Thursday, May 8, 2008
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