पिछले हफ्ते हमने स्विम पूल पार्टी में ये गेम खेला था की अंतरे से मुखडा पहचानना था |
बहुत मज़ा आया था | कई गीत ऐसे होते हैं की बस ज़बान पर हैं पर याद नही आते हैं |
चलिए देखें , आप में से पहले कौन इसे बूझ सकता है |
और हाँ इसके बाद नए गानों की भी एक सीरीज़ आएगी |
देखें , आप में से प्रसिद्ध गीतों में बसी 'कविता' को कौन वास्तव में सुनता है ???
हो सके तो जवाब में पूरा मुखडा लिखियेगा -
१. जी भर के तडपा ले, जी भर के वार कर ,
सब कुछ गवारा है, थोड़ा सा प्यार कर ,
२. अब पछताए दिल, हाय कित जाए दिल ,
काहे को ये आग लगायी रे , लगायी रे , लगायी रे ,
३. वो अम्बुआ का झूलना , वो पीपल की छाओं ,
घूंघट में जब चाँद था , मेहंदी लगी थी पांव ,
४. वो दिल जो मैंने माँगा था मगर औरों ने पाया था ,
बड़ी खैर है अगर , उसकी पशेमानी मुझे दे दो ....
५. अब वो करम करें या सितम उनका फ़ैसला ,
हमने तो दिल में प्यार का शोला जला लिया
६. आजा के अब तो आँख में आंसू भी आ गए ,
सागर छलक उठा मेरे सब्र-ओ-करार का ,
७. ब्रिन्दावन की गलियन में तुम बिन जियरा न लागे ,
निस दिन तोहरी बाट निहारे व्याकुल नैना अभागे ,
८. अनजाने होठों पर तो पहचाने गीत हैं ,
कल तक जो बेगाने थे , जन्मों के मीत हैं ,
९. फिर खो न जाएँ हम किसी दुनिया की भीड़ में ,
मिलती है पास आने की ,........... ......... ........
१०. कभी तो ये दिल कहीं मिल नहीं पाते ,
कहीं ये निकल आयें जन्मों के नाते ,
Lets Get Set & Go......
गति ही प्रगति का मूल है, ये मंत्र न भूलना !
-अर्चना
Friday, August 1, 2008
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