कह गए थे न्यूटन साहब, एक पते की बात !
चलो आज मैं share करुँ वो बात आपके साथ ....
कहा उन्होंने हर क्रिया की प्रतिक्रिया हमेशा आती है,
क्षमता उतनी ही , पर उसकी दिशा बदल सी जाती है ,
आज जाने दिल में इतना दुःख क्योंकर छाया है,
बात साफ है शायद तूने, किसी बड़ी खुशी को पाया है ,
करुँ क्या मैं उपाय कहो ,भाव रुके न देश,वन, प्रान्तों से ....
पहुँच ही जाते हैं दिल तक , चले न्यूटन के सिद्धांतों से !
मैं खुशी खुशी कांटें ले लूँ जो राह में तेरे फूल है,
जो गम से मेरे तू खुश है, तो दर्द भी मुझे कबूल है !
Monday, August 25, 2008
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1 comment:
उम्दा...वाह!
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