सॉरी मित्रों , आप से वादा किया था बूझो सीरीज़ के अगले अंक का | काम इतना हो गया की पूछो मत |
चलिए , देर आए, दुरुस्त आए | सवाल थोड़े टफ बंनाने के लिए अब की बार सिर्फ़ एक ही लाइन दिया है पर मुझे पता है की आप लोग इसे भी आसानी से भांप लेंगे | कृपया कर पूरा मुखडा बताइयेगा -
और हाँ , no cheating ! अरे ! आए तो आए, नहीं तो नहीं की सी बात ....
अंतरे से मुखडा बताइए ..
१. इनकी मीठी बातें ये मतवाली आँखें ज़हर है प्यार का |
२. जब हम न होंगे तब हमारी ख़ाक पर तुम रुकोगे चलते चलते ,
३. इक हवा का मैं झोंका , दे जाउंगी मैं धोखा , ऐसा मौका तो आने दो
४. कौन जाने बंसुरिया किसको बुलाए ?
५. देर न करना कहीं ये आस टूट जाए , साथ टूट जाए ..
६. वरना क्या बात थी तू कोई सितमगर तो नहीं ?
७. सोचा था ये बढ़ जाएँगी तन्हाईयाँ जब रातों की ,
८. तुमने तो आकाश बिछाया , मेरे नंगे पैरों में ज़मीं है ,
९. मैंने सिन्दूर से मांग अपनी भरी, रूप सैयां के कारण सजाया ,
१०.सखियाँ न मारो मोहे ताने , जिसको न लागी वो क्या जाने ?
११. मेरा पागल पना तो कोई देखो पुकारूं मैं चन्दा को साजन के नाम से |
१२. दिया टूटे तो है माटि , जले तो ये ज्योति बने ...
१३. गुण तो न था कोई भी, अवगुण मेरे भुला देना |
१४. पूछे कोई दर्द-ऐ-वफ़ा कौन दे गया ? रातों को जागने की सज़ा कौन दे गया ?
१५. न देंगे तुझे इल्जाम बेवफाई का, मगर गिला तो करेंगे तेरी जुदाई का ...
सोचो ,सोचो ,सोचो ....
-अर्चना
Wednesday, August 6, 2008
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment