ये कहती है दुनिया , क़दम न बढ़ा ,
नशा ये मुहब्बत का है सर चढा ,
जो चढ़ जाए आए क़यामत की सूरत,
लगे ये जहाँ हर झलक खूबसूरत ,
पर टूटेगा जब तेरे दिल का गुमाँ ये,
तो बन जाएगा हर समाँ बद्नूमां ये,
जो रो ओगे तुम तो ये दुनिया हँसेगी ,
तेरे आंसूओं पे ये ताने कसेगी,
पता है सिला मुझको उल्फत का तब भी !
धड़कता है दिल तुमको देखूं मैं जब भी !
Friday, August 15, 2008
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