मैंने माना की दिल तेरा कायल हुआ है,
बिना कुछ कहे देखो घायल हुआ है ,
अब डर है बढे न फरेबी उमीदें,
चलो रस्ते बदलें, सब ख़्वाबों को सी दें,
जो मुमकिन नहीं तुमको अपना बनाना ,
गवारा नहीं फिर ये दिल का लगाना,
दिल-ऐ-आरजू के वफ़ा की कसम,
अब कभी तुमको आवाज़ देंगे न हम,
कभी गुजरो तुम जो गली से हमार
देखेंगे तुमको चुपके चिल्मन सहारे ,
दुआ है रहे तू हमेशा खुशी से,
जुदा हो रहे हैं तेरी ज़िन्दगी से ....
Friday, August 15, 2008
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